Skip to main content

IAS की तैयारी करने से पहले 5 बातें जिन पर गौर करना है बेहद जरूरी

आईएएस की तैयारी में बेहद समर्पण, प्रतिबद्धता, समय और जोखिम शामिल होता है। परीक्षा में शामिल होनेवाले उम्मीदवारों की संख्या और सफल होने वालों की संख्या में सफलता की दर जो कि बहुत कम यानि 0।1% होती है, को ध्यान में रखते हुए अत्यंत सतर्कता एवं सावधानी के साथ योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए इस व्यापक तैयारी को शुरु करने से पहले आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना होगा।
आईएएस अधिकारी के अधिकार क्या हैं?

आईएएस अधिकारी देश के कामकाजी अंग होते हैं। राजनीतिक एग्जीक्युटिव, जो प्रकृति से अस्थायी होता है, वह इस स्थायी कार्यकारी पर पूरी तरह से निर्भर होता है। पूरा देश सिर्फ इन्हीं अधिकारियों द्वारा शासित, प्रशासित होता है। ये अधिकारी देश की सेवा करते हैं और उसका ख्याल रखते हैं। इसलिए जैसा कि एक लोकप्रिय कहावत है, जिम्मेदारियों के साथ आईएएस अधिकारियों के पास काफी अधिकार भी होते हैं बिलकुल चरितार्थ होता है। एक आईएएस अधिकारी के कुछ अधिकार इस प्रकार हैं–
  • राजस्व का संग्रह करना और राजस्व संबंधी मामलों में अदालत के जैसे काम करना
  • कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना
  • कार्यकारी मैजिस्ट्रेट के तौर पर काम करना
  • मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ)/जिला विकास आयुक्त के तौर पर काम करना
  • राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण
  • वित्तीय औचित्य के मानदंडों के अनुसार सरकारी पैसे के खर्च का पर्यवेक्षण।

 आईएएस अधिकारी बनने के बाद आप क्या करेंगे
"कर्मणयेवाधिकारस्तेमांफलेषुकदाचन । मांकर्मफलहेतुर्भू: मांतेसंङगोस्त्वकर्मणि" ।।
गीता का यह प्रसिद्ध छंद इस स्थिति का बिल्कुल सही वर्णन करता है। आपको अपने कर्तव्य और काम पर ध्यान देने की जरूरत है और आपको काम के प्रति समर्पित होना चाहिए न कि काम से मिलने वाले फल के बारे में ही सोचते रहना चाहिए। ज्यादातर अभ्यर्थी अपने अधिकार और दर्जे का कैसे इस्तेमाल करेंगे, के बारे में सपने देखने में व्यस्त रहते हैं। देश की सेवा कैसे करें, सिस्टम में सुधार कैसे लाएं और ऐसी ही अन्य बातों के बारे में योजना बनाने में काफी समय बर्बाद हो जाता है। 
एक आदर्श अभ्यर्थी को सिविल सर्विसेज परीक्षा में चुने जाने के बाद उसे अपने जीवन और काम के बारे में कल्पना करने पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। उसे वर्तमान तैयारी पर ध्यान देना चाहिए और वर्तमान में जीना चाहिए। व्यापक कार्य प्रकृति और पेशेवर नैतिकता से परे सोचना आकांक्षी के अवसर को नुकसान पहुंचा सकता है।
आईएएस तैयारी की प्रेरणा
ट्रैक बदलने और कुछ आरंभ करने के लिए जीवन में स्पार्क ( एक प्रकार की चिंगारी) बहुत जरूरी है।  सिविल सर्विसेज की तैयारी आमतौर पर किसी के भी अकादमिक योजना में खुद से फिट नहीं हो पाती। किसी को भी आईएएस की तैयारी में जुटने के लिए कुछ प्रेरणा, आग्रह और स्पार्क की जरूरत होती है। हालांकि, ऐसी प्रेरणा प्रकृति से बेहद व्यक्तिगत होती है लेकिन बेहद आम भी होते हैं l इन्हें इस प्रकार सूचीबद्ध किया जा सकता है- 
• माता – पिता खुद सिविल सेवक हों और वे अपने बच्चों को भी आईएएस बनाना चाहते हों। 
• परिवार का कोई व्यक्ति या रिश्तेदार हाल ही में आईएएस बना हो।  
• कॉलेज या स्कूल के किसी दोस्त या सीनियर ने परीक्षा पास की हो जिसने आपका ध्यान आकर्षित किया हो। 
• अभ्यर्थी  कुछ टॉपर को सुनता/ सुनती है या किसी करिश्माई सफल उम्मीदवार से मिला हो। 
• समाज की दुर्दशा, सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार, सीमांत समूहों की परेशानियों आदि को देख कर । 
• वर्तमान कार्य की एकरसता, अस्थायी करिअर, भविष्य की अनिश्चितता आदि
हालांकि, यह सूची पूर्ण नहीं है और जैसा कि हमने उपर कहा है, यह अलग– अलग व्यक्ति के लिए अलग– अलग हो सकता है।
 आपकी तैयारी के पीछे का मुख्य कारण क्या है ?
उपर उल्लिखित कोई भी प्रेरणा आपके लिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकती है। हालांकि, वैसे ही जोश और उत्साह के साथ इसे जारी रखने के लिए आपको सिविल सेवा की तैयारी शुरु करने के लिए सच्चे कारण का पता लगाना होगा। किसी की भी तैयारी के पीछे का मुख्य कारण प्रेरणा से प्राप्त हो जाएगा लेकिन इसमें अन्य कारक भी होंगे। यह सभी विचारों, लाभ एवं हानि, जोखिम और व्यवहार्यता का कुल योग है जो सिविल सेवा की तैयारी करने का तर्कसंगत स्पष्ट कारण बन सकता है।
अभ्यर्थियों का मुख्य कारण निम्नलिखित तक सीमित नहीं होना चाहिएः
  • सीएसई परीक्षा की तैयारी करना समाज में किसी के भी दर्जे को बढ़ा देता है। यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि इस परीक्षा में सफलता ही ख्याति दिलाती है, सिर्फ तैयारी करना नहीं।
  • चूंकि कोई रिश्तेदार या कोई दोस्त तैयारी कर रहा है इसलिए उसको भी तैयारी करनी चाहिए
  • करने को कुछ भी नहीं है तो सीएसई परीक्षा की ही तैयारी कर लें
  • अपने माता– पिता के कहने पर तैयारी शुरु कर दी
  • सीएसई परीक्षा की तैयारी करने से अन्य सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता है 
  • सिलेबस को कैसे कवर किया जाए/ सिलेबस के लिए दृष्टिकोण
    सिविल सेवा परीक्षा को प्रश्नों के अपने विशाल व्यापक रेंज के लिए जाना जाता है जिसमें बहुत बड़े पाठ्यक्रम को कवर किया जाता है। इसमें मानविकी से लेकर विज्ञान, करेंट अफेयर्स से लेकर सरकार की रिपोर्ट्स और तथ्यों का विश्लेषण तक शामिल होता है। इन सभी के संदर्भ में एक अभ्यर्थी के लिए रणनीतियों और इस प्रकार के विशाल पाठ्यक्रम की तैयारी हेतु सावधानीपूर्वक योजना बनाना महत्वपूर्ण हो जाता है। सीएसई की तैयारी के दौरान पाठ्यक्रम को कवर करने के लिए निम्नलिखित कुछ तरीके हो सकते हैं–
    • एक समय– सारणी तैयार करना
    • अल्पकालिक, मध्यम– कालिक और दीर्घ – कालिक लक्ष्यों को निर्धारित करना
    • सबसे मूल पाठ्यपुस्तकों से शुरुआत करना
    • बार– बार दुहराना और नोट्स तैयार करना
    • एक ही विषय के लिए कम किताबें पढ़ना और अधिक बार दुहराना
    • जिस विषय या यूनिट की तैयारी पूरी हो गई है उस विषय पर पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र से टेस्ट देना और मूल्यांकर करना
    • पाठ्यक्रम को पूरा करने की बजाय जोर विषय पर महारथ हासिल करने की होनी चाहिए
    • निरसता से बचने के लिए एक दिन में दो या अधिक विषयों की तैयारी करनी चाहिए।
    पाठ्यक्रम में आगे बढ़ते हुए एक अभ्यर्थी को निम्नलिखित तीन बातों के बारे में जरूर पता होना चाहिए
    अपनी खूबियाँ                                                                                                                                        हर एक व्यक्ति में कौशल या क्षमता होती है, वह उसमें निपुण होता है। कुशल प्रदर्शन करने के लिए ऐसे कौशलों का इष्टतम प्रयोग किया जाना चाहिए। ऐसी खूबियों के कुछ उदाहरण हो सकते हैं– अच्छा और तेजी से लिखना, तथ्यों, आंकड़ों और अवधारणाओं को आसानी एवं तेजी से याद रखने की क्षमता, तेजी से सीखने की क्षमता, चीजों को छोटा और संक्षेप में प्रस्तुत करने की क्षमता और ऐसी ही अन्य क्षमताएं। इन्हें निखारने से अभ्यर्थी को सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने मंन मदद मिलेगी
    अपनी खामियां
    खूबियों के जैसे ही खामियां प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य हैं। ऐसी खामियां सीएसई की तैयारी को अस्थिर करने में सक्षम होती हैं और सिलेबस को कवर करने एवं बेहतरीन तैयारी के लिए इन पर जीत हासिल करने की जरूरत है। खामियों के कुछ उदाहरण हो सकते हैं– बहुत अधिक समय लगाना, खराब और धीमी गति से लिखना, बहुत अधिक नोट बनाने की आदत, स्थिरता की कमी आदि। सफलता के पथ पर अग्रसर होने के लिए ऐसी खामियों को दूर करना किसी अभ्यर्थी के लिए अनिवार्य होना चाहिए।
    खामियों को कैसे दूर करें
    किसी भी प्रकार की खामी को दूर करने के लिए कोई निश्चित फॉर्मूला या मंत्र नहीं हो स
    • दृढ़ इच्छा शक्ति का होना
    • खुद को सीएसई की तैयारी हेतु लगातार प्रेरणा और सच्चा कारण याद दिलाते रहना
    • सफल बनने के लिए सतत उत्साह।
    सबसे अच्छा समय– सारणी (टाइम– टेबल) क्या हो सकता है?
    एक बार फिर यह बात अलग– अलग लोगों के लिए अलग– अलग होगी और तैयारी के समय से परीक्षा के समय तक अलग होगी। प्रत्येक व्यक्ति में एक ही समय पर उठना, एक ही स्तर की एकाग्रता, एक ही प्रकार से चीजों को याद रखने की क्षमता, एक समान रूचि और अन्य गुण एक से नहीं हो सकते। समय– सारणी तैयार करने के दौरान आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिएः –
    • एक बार में 1.5 घंटे से अधिक तक पढ़ाई न करें।
    • अपने शौक, खेल, व्यायायाम आदि के लिए पर्याप्त समय निकालें।
    • इष्टतम नींद से समझौता न करें।
    • यथार्थवादी औऱ तर्कसंगत समय– सारणी का सख्ती से पालन करना आवश्यक है और आपको उसका पालन करना जारी रखना चाहिए। उदाहरण के लिए, किसी को भी रोजाना 16 घंटे पढ़ाई के लिए नहीं रखने चाहिए।
    • पूरे वर्ष 8-10 घंटे की पढ़ाई पर्याप्त है और जब परीक्षा की तारीख पास आने लगे तो आप 11-12 घंटों की पढ़ाई कर सकते हैं।
    • पढ़ाई के प्रत्येक सीटिंग के बाद हल्की– फुल्की अवकाश गतिविधियों के लिए कुछ समय रखना चाहिए।
    यदि सफल नहीं हुए तो बैकअप प्लान क्या है?
    सीएसई की तैयारी करना "उच्च जोखिम उच्च पुरस्कार" मिलने जैसा खेल है। व्यापक तैयारी के बाद परीक्षा में सफलता प्राप्त करना सुखद अंत जैसा होता है। हालांकि, चीजें अक्सर योजना के अनुसार नहीं होतीं और सीएसई की तैयारी बहुत मेहनत से करने के बावजूद कई अभ्यर्थियों को निराशा मिलती है क्योंकि अपने सभी प्रयासों को करने के बाद भी वे अंतिम सूची में स्थान बनाने में कामयाब नहीं हो पाते। किसी को भी इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है और इसलिए, इस परीक्षा में विफल होने के दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में अपने करिअर को व्यवस्थित करने हेतु किसी के लिए भी प्लान-बी बना कर रखना समझदारी होगी। आपको एक बात ध्यान में रखनी होगी कि किसी खास परीक्षा में असफल रहना जीवन का अंत नहीं लेकिन सिर्फ एक परीक्षा का अंत भर होता है। नई उम्मीद और जोश के साथ आपको वैकल्पिक करिअर की राह पर काम करना शुरु कर देना चाहिए। हालांकि, प्रत्येक के लिए बैकअप प्लान संक्षेप में प्रस्तुत करना अन्याय करने जैसा होगा क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति आकांक्षाओं, अलग मानसिकता, अलग उत्साह, अलग प्राथमिकताओं और अलग पृष्ठभूमि के साथ एक दूसरे से अलग होता है। लेकिन आपको हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि निकट अतीत में आपकी जानकारी व्यापक और अच्छी हुई है।

    चर्चा किए गए उपरोक्त पैराग्राफ को ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ आम बैकअप प्लान सुझाए जा रहे हैं
    • अन्य प्रतिष्ठित सरकारी प्रतियोगी परीक्षाएं भी हैं जिनका पाठ्यक्रम काफी हद तक सीएसई जैसा होता है। व्यापक जानकारी और विश्लेषण क्षमता के साथ आईएएस अभ्यर्थी अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले अन्य परीक्षाओं में आसानी से सफल हो सकते हैं।
    • आप सीएसई की तैयारी शुरु करने से पहले जिस पेशे में थे उसे फिर से अपनाने के प्रयास आपको करने चाहिए।
    • पेशेवर डिग्री और पर्याप्त कार्यानुभव के बिना वाले मामले में आपको अपने प्रमुख क्षेत्र का पता लगाना चाहिए।
    • कई कोचिंग संस्थान हैं जो सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रियाओं की अच्छी जानकारी रखने वाले लोगों को महत्व देते हैं। ये संस्थान आपको कंटेंट डेवलपर से लेकर अच्छे वेतन वाले शिक्षक का पद दे सकते हैं।
    • आप देश के कल्याण हेतु काम करने वाले स्वयंसेवी संगठन के साथ भी जुड़ सकते हैं और देश की सेवा करने के अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
  • कता है। यह पूरी तरह से अलग– अलग व्यक्ति के लिए अलग– अलग होता है और अलग–अलग खामियों के लिए भी यही बात लागू होती है। हालांकि, खामियों को दूर करने के कुछ उपाए इस प्रकार हो सकते हैं–

Comments

  1. Thanks for the info.

    Anil Narula's IAS Study Centre is the Professional IAS coaching in Chandigarh. We provide guidance not only for IAS, PCS, HCS, HAS, etc. but also for judicial services.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

आईएएस बनने की प्रेरक कहानियाँ

नमस्कार दोस्तों में नदीम चौहान उन सभी दोस्तों का बहुत बहुत स्वागत करता हूँ जो दोस्त लगे हुए है सिविल सेवा की तैयारी में  दोस्तों आज में आपको सिविल सेवा के लिए कुछ प्रेरक कहानिया बताने जा रहा हूँ  दोस्तों आप सभी जानते होगे देखते होगे की ज्यादातर छात्र बहुत ही सुखसमृद्धि से अपनी तयारी करते है उनको किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं होती जैसे किताब , बिजली आदि लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी होते जो अपना जीवनयापन बहुत ही कठिनाइयों से करते है उनकी तयारी में बहुत सी मुश्किलें आती है जैसे उनको अच्छी सुविधाए कम ही मिलती है और भी बहुत से संघर्ष कर के कुछ छात्र सिविल सेवा को क्रैक कर जाते है  आपने आईएएस बनने की इच्छा रखने वालों की प्रेरक कहानियों को जरूर सुना – पढ़ा होगा लेकिन नीचे दी जा रही ऐसी 5 कहानियां संभवतः आपकी सोच की दिशा बदल दे। आइए इन व्यक्तियों की शानदार सफलता की कहानियों और उपलब्धियों को पढ़कर अपने उत्साह को रिचार्ज करें।   1. अंसार अहमद शेख ( 21 वर्षीय) – ऑटो चालक का बेटा अंसार अहमद शेख यूपीएससी सिविल सर्विसेस परीक्षा में सफल होने वाले सबसे युवा उम्मीदवार हैं। उन्होंन...

IAS की परीक्षा हिंदी माध्यम से दूँ या इंग्लिश माध्यम से?

नमस्कार दोस्तों में नदीम चौहान एक बार फिर अपने उन साथियो तहे दिल से स्वागत करता हु जो दोस्त दिन रात लगे हुए है यूपीएससी की तयारी में  आज में आपको बताने जा रहा हूँ  की हमें आईएएस (सिविल सेवा परीक्षा) में परीक्षा देने का माध्यम हिंदी चुनना चाहिए या इंग्लिश --- यह एक कड़वा सच है कि इंग्लिश माध्यम ( English medium) के छात्रों के पास किताबों के लिए बहुत सारे विकल्प हैं. अनुभवी लेखकों के द्वारा इतिहास , भूगोल , अर्थशास्त्र आदि विषयों की कई किताबें इंग्लिश भाषा में लिखी गयी हैं और बाजार में भरी पड़ी हैं. इंग्लिश माध्यम वाले छात्रों के लिए किताबों की अपार संख्या तो उपलब्ध हैं ही , इसके अलावा इन्टरनेट की सम्पूर्ण दुनिया इंग्लिश में ही परोसी गयी हैं. विकिपीडिया , गूगल …. सभी जगह इंग्लिश की प्रभुता है.आईएएस के लिए सभी मुख्या वेबसाइट भी इंग्लिश में ही उपलब्द होती है इंग्लिश माध्यम वाले छात्र आसानी से हर टॉपिक को गूगल में सर्च कर के कई किताबों को access करते हैं और विकिपीडिया से नोट्स बना लेते हैं.   THE HINDU , Times  of India, Hindustan Times आदि कई अखबार भी इंग्लिश माध्यम व...

सिविल सेवा परीक्षा की शीर्ष नौकरियां

सिविल सेवा परीक्षा के अंतर्गत मुख्य सर्विस तो तीन ही मानी जाती है  भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय पुलिस सेवा  भारतीय वन सेवा  आईएएस   भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारत सरकार की प्रमुख सेवा का गठन 1946 में हुआ था। इससे पहले इंडियन इंपीरियल सर्विस (1893-1946) हुआ करती थी। सिविल सर्विसेज भारत में प्रशासन का हॉलमार्क है। संविधान कहता है कि स्वयं के सिविल सेवाओं के गठन के उनके अधिकार को वंचित किए बिना एक अखिल भारतीय सेवा होगी जिसमें आम योग्यताओं, एक समान वेतनमान के आधार पर अखिल भारतीय आधार पर भर्ती की जाएगी और इसके सदस्यों को संघ के किसी भी स्थान पर इन रणनीतिक पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि स्वंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आईसीएस को देश का इस्पात ढांचा (स्टील फ्रेम) कहा था।  इसलिए, सिविल सेवा हमारे देश की अनिवार्य भावना – विविधता  मुख्य अधिकार आईएएस अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले स्थान में कानून और व्यवस्था के रख–रखाव, राजस्व प्रशासन और आम प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते ह...